रायपुर। आम जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराने के अपने प्रयासों को मजबूत करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने दवाओं की कीमतों पर सख्त नियंत्रण और निगरानी शुरू कर दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 331 दवा दुकानों का निरीक्षण किया गया, जिसमें से 21 दुकानों में तय कीमत से अधिक पर दवाइयां बेचने की पुष्टि हुई है।
इन दुकानों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
DPCO के अंतर्गत निगरानी, केंद्र सरकार की इकाई सक्रिय
यह पूरी कार्रवाई मूल्य निगरानी एवं संसाधन इकाई (CGPMRU) द्वारा की गई है,, जो कि भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन 24 मार्च 2021 को गठित की गई थी। यह इकाई ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के दिशा-निर्देशों के तहत कार्य करती है।
इसका मुख्य उद्देश्य है प्रदेश में अनिवार्य और अधिसूचित दवाओं की कीमतों पर निरंतर निगरानी रखना, तथा उनके बिक्री मूल्य को लेकर नियामक अनुपालन सुनिश्चित करना।
उल्लंघन करने वालों पर पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज
अधिकारियों के अनुसार, जिन 21 दुकानों ने निर्धारित अधिकतम मूल्य का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई शुरू हो चुकी है। साथ ही, सभी मामलों की रिपोर्ट नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) के पोर्टल पर दर्ज की जा चुकी है।

सरकार का सख्त रुख, उपभोक्ताओं को राहत
राज्य सरकार का यह कदम दवाओं की बढ़ती कीमतों में पारदर्शिता लाने और आम नागरिकों को मूल्य नियंत्रण के माध्यम से राहत देने की दिशा में एक सकारात्मक और प्रभावी प्रयास माना जा रहा है।
सरकार का स्पष्ट कहना है कि प्रदेश में दवा के क्षेत्र में भ्रामक मूल्य निर्धारण या शोषण की अनुमति नहीं दी जाएगी, और इस पर नियमित निगरानी जारी रहेगी।